हाल ही में, नारुतो के प्रसिद्ध पात्र काकाशी ने सोशल मीडिया पर अपने नवीनतम आविष्कार, अपने शारिंगन के लिए हिडन आई लेंस, के बारे में बताया। इस खबर ने निंजा जगत में व्यापक ध्यान और चर्चा आकर्षित की है।
बताया जाता है कि काकाशी ने पाया कि लंबे समय तक शारिंगन का इस्तेमाल करने से उनकी आँखों को नुकसान हो सकता है, इसलिए उन्होंने इस तकनीक से होने वाले नुकसान को कम करने के तरीके पर विचार करना शुरू किया। वर्षों के शोध के बाद, उन्होंने इस नए प्रकार के कॉन्टैक्ट लेंस का विकास किया।
काकाशी ने बताया कि यह कॉन्टैक्ट लेंस एक विशेष रूप से मुलायम सामग्री से बना है जो नेत्रगोलक की सतह पर पूरी तरह से फिट बैठता है, जिससे उपयोगकर्ता को लगभग किसी भी बाहरी वस्तु का एहसास नहीं होता। साथ ही, इस कॉन्टैक्ट लेंस में एक विशेष सुरक्षात्मक परत भी होती है जो शारिंगन से आँखों को होने वाली जलन और क्षति को प्रभावी ढंग से कम कर सकती है। इसके अलावा, यह कॉन्टैक्ट लेंस प्रकाश को स्वचालित रूप से समायोजित कर सकता है, जिससे उपयोगकर्ता विभिन्न प्रकाश स्थितियों में लक्ष्य को स्पष्ट रूप से देख सकता है।
काकाशी के इस आविष्कार को निंजा जगत के अंदर और बाहर, दोनों जगह व्यापक प्रशंसा मिली है। कई निंजाओं ने युद्ध और अभियानों में अपने शारिंगन का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए इस कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल की इच्छा जताई है। इस बीच, कई नेत्र चिकित्सकों ने भी इस कॉन्टैक्ट लेंस की सामग्री और कार्य में रुचि दिखाई है और उत्पाद को और बेहतर बनाने के लिए काकाशी के साथ सहयोग करने की इच्छा जताई है।
यह बताया गया है कि शारिंगन के लिए काकाशी के हिडन आई लेंस का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो गया है और निकट भविष्य में इसे बाजार में जारी करने की योजना है।
पोस्ट करने का समय: 3 मार्च 2023

